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BALCO Land Possession: पूर्व मंत्री के द्वारा विस्फोटक खुलासे एवं आरोप

  • Media Samvad Editor
  • 6 days ago
  • 4 min read

Korba | 8 December 2025

12 नवंबर 2025 को कोरबा के हल्का क्र. 23 में पटवारी श्री हरीश कुमार दुबे और राजस्व निरीक्षक द्वारा BALCO की भूमि का सीमांकन किया गया।आवेदनकर्ता थे — श्री सुमंत सिंह (पिता: श्री सूबेदार सिंह), BALCO की ओर से।

सीमांकन खसरा नंबर 175, 178/1, 178/2, 179, कुल रकबा 0.9759 हेक्टेयर के लिए किया गया।गवाह रहे — प्रमोद कुमार नायक, बोधादित्य चंदा, दशरथ शर्मा, राजाराम एवं अन्य

पंचनामे में लगभग 20 दुकानों/व्यवसायों को “कब्जाधारी” बताया गया है।ध्यान रहे — उन्हें “बेजा कब्जाधारी” नहीं कहा गया, यह अंतर भविष्य में बहुत भारी साबित होगा।अब वे कब्जाधारी हैं या बेजा कब्जाधारी — यह निर्णय माननीय तहसीलदार का विषय है।


NGT में BALCO के दो बयान — एक भूमि, दो आंकड़े

इस सीमांकन विवाद का असली विस्फोटक हिस्सा NGT के 14-11-2022 के आदेश में छिपा है, जहाँ BALCO ने शपथपत्र पर दो अलग-अलग कब्जे की भूमि घोषित की: पूर्व राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर निम्न आपत्तियों के आधार पर बालको को जारी पर्यावरणीय स्वीकृति रद्द करने की शिकायत की है । श्री जयसिंह अग्रवाल के पत्र अनुसार :-

पहला बयान — पैरा 17

दूसरा बयान — पैरा 25

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BALCO has a total area of 1099.91 Hectares out of which only 805.54 Hectares is in possession of BALCO. It is submitted that at present BALCO has 291.79 Hectares (241 acres) of green cover as per the National Remote Sensing Centre (NRSC). If only the land in BALCO’s possession is considered, then the present green cover amounts to 36.22% (3.22% more than the requirement under law) of the land area in BALCO’s possession i.e., 805.54 Hectares. However, on 29.10.2021 BALCO vide a letter to MoEF & CC submitted its action plan to achieve 33% of green area development as per the total land area belonging to BALCO i.e., 1099.91 Hectares. The total green area requirement of 33% amounts to 363.28 hectares which shall be achieved by the end of FY2023-24 by planting trees like Karanj, Neem, Peepal, Sal, Sarai, Arjun, Sagon, Banyan, Sisoo, Rain tree, Gulmohar, Mahua, Kadam etc.

Green Belt का गणित — जमीन घटाने की पर्यावरणीय रणनीति

BALCO का दावा था कि उनके पास 291 हेक्टेयर ग्रीन कवर है,जो ISRO – National Remote Sensing Centre के डेटा पर आधारित बताया गया। नियम कहता है —कुल भूमि का 33% Green Belt अनिवार्य है। अगर BALCO 1099 हेक्टेयर मानता,तो 33% = ≈ 363 हेक्टेयर चाहिए था।जबकि उनके पास था — 291 हेक्टेयर, इसलिए EC मिलना असंभव था। इसलिए पैरा 25 में कब्जा घटाकर 805 हेक्टेयर बताया गया।805 का 33% = 266 हेक्टेयर, जो उनके उपलब्ध 291 हेक्टेयर के अधिक समीप है। सरल भाषा में —जमीन उतनी ही दिखाई गई, जितनी दिखाकर Environmental Clearance लेना आसान हो जाए। यहाँ एक तथ्य और चौंकाता है वो है बालको प्रबंधन का कथन "It is submitted that at present BALCO has 291.79 Hectares (241 acres) of green cover as per the National Remote Sensing Centre (NRSC)"

अब यह और भी प्रशनीय है की ग्रीन कवर 291 हेक्टेयर है या फिर 241 एकड ? , क्योंकि 291 हेक्टेयर और 241 एकड भू-भाग में जमीन-आसमान का अंतर है ।

BALCO प्रबंधन के प्रबंधक पर आपराधिक प्रकरण — कूटरचित दस्तावेज़ प्रस्तुत करने की परंपरा

इस पूरी कहानी को और गंभीर बनाता है एक ताज़ा तथ्य: BALCO प्रबंधन के प्रबंधक के विरुद्ध न्यायालय में कूटरचित दस्तावेज़ प्रस्तुत करने के मामले में हाल ही मेंIPC 420, 419, 467 और 471 के तहत अपराधिक प्रकरण दर्ज हुए हैं।और इसी मामले में माननीय न्यायालय द्वारा फरार प्रबंधक के विरुद्ध Arrest Warrant भी जारी किया गया है। यानि झूठे दस्तावेज़ों का खेल BALCO के लिए कोई आकस्मिक भूल नहीं —एक निरंतर अभ्यास है। अब NGT के इस प्रकरण में — जहाँ दो विरोधाभासी भूमि-आँकड़े पुनः न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए गए —यह BALCO के documentation fraud का दूसरा बड़ा पर्दाफाश है।

यहाँ सबसे गंभीर प्रश्न यह उठता है:

क्या पर्यावरण विभाग के अधिकारी BALCO की सुविधा के अनुसार दस्तावेज़ प्रमाणित कर रहे थे?क्या यह प्रमाणन कॉरपोरेट “pay-roll” की नैतिकता के तहत हुआ?

कारण चाहे जो भी हो —NGT को गुमराह कर Environmental Clearance प्राप्त की गई यह तथ्य अब असंदिग्ध है।

अब देखना यह है कि:

  • क्या पर्यावरण विभाग अपनी गलती सुधारता है?

  • BALCO पर कार्रवाई होती है?

  • या फिर वही पुरानी परंपरा —कॉरपोरेट की सुविधानुसार तथ्यों का सत्यापन — दोहराया जाएगा?

हमारी जांच में और भी कई तथ्य हैं जोपर्यावरण विभाग की विश्वसनीयता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाएंगे —जिनका विस्तृत खुलासा आगे होगा।

अब बड़ा सवाल — सीमांकन किस जमीन पर हो रहा है? 805 हेक्टेयर या 1099?

BALCO अभी दुकानदारों को हटाने की मुहिम चला रहा है।परंतु सबसे मूलभूत प्रश्न यह है:

जिस भूमि पर सीमांकन हुआ — वह 805 हेक्टेयर वाले क्षेत्र में है या 1099 हेक्टेयर वाले में?

क्योंकि:

  • अगर यह 805 हेक्टेयर के अंदर आता है —तो पैरा 17 का 1099 हेक्टेयर वाला दावा झूठा?

  • और अगर यह 1099 हेक्टेयर सीमा का हिस्सा है —तो पैरा 25 का 805 हेक्टेयर वाला सत्यापन ग़लत?

जब सरकार ही दो तथ्य प्रस्तुत करे,तो सीमांकन पर उठने वाले सवाल बिल्कुल स्वाभाविक हैं।

दुकानदारों का सीधा सवाल — “हम किस ज़ोन में खड़े हैं?”

दशकों से रोज़ी-रोटी कमाने वाले छोटे व्यापारी और परिवार अब असमंजस में हैं।वे यह जानना चाहते हैं:

“जो सीमांकन हुआ — यह 805 हेक्टेयर के भीतर है या 1099 के?”

जब तक सरकार यह स्पष्ट नहीं करती,किसी भी कार्रवाई को न्यायसंगत नहीं माना जा सकता।

अंतिम प्रश्न: सरकार और BALCO को जवाब देना होगा

  • BALCO की वैध कब्जे की जमीन 805 हेक्टेयर है या 1099?

  • Environmental Clearance किस आधार पर मिली?

  • गलत जानकारी पर क्या कार्रवाई होगी?

  • क्या पर्यावरण विभाग अपने प्रमाणन की समीक्षा करेगा?

  • और दुकानदार कब्जाधारी हैं या “बेजा” कब्जाधारी — यह निर्धारण कैसे होगा?

कोरबा में BALCO भूमि सीमांकन अब केवल प्रशासनिक कार्यवाही नहीं —एक बड़ा सार्वजनिक विवाद बन चुका है।

 
 
 

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