BALCO के Pitch Tank विस्फोट की सच्चाई
- Media Samvad Editor
- 3 days ago
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हादसे के जिम्मेदार मुख्य आरोपी को छुपाने का प्रयास किया जा रहा है
— वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री श्याम नारायण सोनी का जिला कलेक्टर को पत्र
कोरबा दिसंबर 11,2025
युवा कांग्रेस नेता श्री श्याम नारायण सोनी,अभय तिवारी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी, सोशल मीडिया समन्वयक,दीपचंद केशरवानी, सांसद प्रतिनिधि,सहज़ाद आलम, प्रदेश महामंत्री, युवा कांग्रेस ,दीपक कुमार वर्मा, जिला शहर अध्यक्ष, NSUI द्वारा जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर बालको पिच टैंक विस्फोट के जिम्मेदार बालको के सीईओ राजेश कुमार एवं कारखाना प्रबंधक राजेश सिंह पर कड़ी कार्यवाही करने की मांग की गई है ।
श्री श्याम नारायण सोनी द्वारा प्रेषित पत्र में जिला कलेक्टर, कोरबा को अवगत कराया गया :
08 दिसंबर 2025 को BALCO के NEW GAP AREA में हुआ Pitch Tank विस्फोट केवल एक औद्योगिक दुर्घटना नहीं था—यह सुरक्षा नियमों के खुले उल्लंघन, कॉर्पोरेट गैर-जिम्मेदारी, और प्रशासनिक संरक्षण का एक भयावह उदाहरण है।घटना स्थल, घायल कर्मचारी, कार्यस्थल की प्रकृति और विस्फोट की परिस्थितियाँ—सब कुछ साफ-साफ BALCO प्रबंधन की लापरवाही की ओर उंगली उठाता है।फिर भी FIR में आरोपी कौन?“अज्ञात देखरेखकर्ता।”
एक ऐसा शब्द, जिसे सुनकर स्वयं कानून भी शर्मिंदा हो जाए।
FIR ने सच को दबाया, झूठ को जगह दी
BALCO Hospital द्वारा भेजे गए मेमो में लिखा था—
घायल Ravishankar Yadav BALCO के Pitch Oil Tank पर कार्य कर रहा था
टैंक BALCO कंपनी का था
विस्फोट भी BALCO के परिसर में हुआ
फिर भी FIR (क्र. 0751/2025) में ना तो BALCO के Occupier (राजेश कुमार, CEO) का नाम है और ना ही Factory Manager (राजेश सिंह) का! ये वही दो अधिकारी हैं जिन्हें Factories Act, 1948 दुर्घटना का प्राथमिक और गैर-सोपनीय रूप से जिम्मेदार घोषित करता है।
इसके उलट FIR में एक ऐसा आरोपी दर्ज कर दिया गया—“Pitch Tank का अज्ञात देखरेखकर्ता”—जो न अस्तित्व में था, न कानूनी रूप से आवश्यक, और न ही इस पूरे मामले से सम्बंधित।
सबसे बड़ा सत्य — निर्माणाधीन Pitch Tank का संचालन
श्री श्याम नारायण सोनी के ज्ञापन अनुसार :
Tank निर्माणाधीन था,उसे संचालित करने की किसी भी प्रकार की अनुमति प्राप्त नहीं थी, इसके बावजूद Tank को ज्वलनशील Coal Tar Pitch से भरा जा रहा था,साथ ही ऊपर Welding का कार्य भी चल रहा था। यह संयोजन विस्फोट का न्योता था।इसे किसी caretaker पर डालना वैसा ही है जैसे किसी डूबते जहाज़ का दोष चप्पू पकड़े मजदूर पर डाल देना।
सेक्शनों में भी हेरफेर — गंभीर अपराध को कमजोर बनाया गया
FIR में लगाए गए सेक्शन: 125(a) और 289 BNS, ये केवल “लापरवाही” दर्शाते हैं।
जबकि घटनास्थल, टैंक की प्रकृति और विस्फोट की गंभीरता सीधे माँग करती है:
Section 105 BNS — दूसरों के जीवन को खतरे में डालना
Section 83 BNS — घोर लापरवाही से मृत्यु/गंभीर चोट का प्रयास
Section 88 BNS — विस्फोटक पदार्थों के साथ लापरवाही
Section 122 BNS — जोखिमपूर्ण और अवैध संचालन
Pitch Tank स्वयं Explosive Category में आता है।ऐसे टैंक में विस्फोट के बाद भी हल्के सेक्शन लगाना “कानून का अपमान” है।
Factories Act स्पष्ट था—जिम्मेदार एक ही हैं, पर FIR में अदृश्य
Factories Act की धारा 2(n), 7, 7A, 40B, 87 कहती हैं:
Hazardous प्रक्रिया का नियंत्रण
सुरक्षा प्रबंधन
अवैध संचालन की रोकथाम
और किसी भी दुर्घटना की प्राथमिक जिम्मेदारी
सिर्फ और सिर्फ Occupier एवं Factory Manager की होती है। परंतु BALCO प्रबंधन के इन शीर्ष अधिकारियों को FIR में जगह नहीं मिली।क्या यह प्रशासन की अनदेखी है या दबाव?किसी भी लोकतांत्रिक प्रणाली में यह सवाल पूछना अनिवार्य है।
निर्माणाधीन टैंक का संचालन यानि सीधा आपराधिक निर्णय
Coal Tar Pitch वाले टैंक पर:
Hazardous Chemical Rules
Explosive Substances Regulations
CPCB Norms
और Factories Act
इन सभी कानूनों के तहत यह टैंक “अत्यंत जोखिमपूर्ण” श्रेणी में आता है।निर्माणाधीन अवस्था में इसे भरना गंभीर अपराध है—और यह निर्णय मजदूरों ने नहीं, बल्कि प्रबंधन ने लिया था।
Factory Inspector की चुप्पी — एक खतरनाक संकेत
Factories Act की धारा 105 के अनुसार, ऐसी दुर्घटना पर Inspector को:
अनिवार्य अभियोजन (Prosecution) दाखिल करना होता है, सुरक्षा उल्लंघन का नोटिस देना होता है,विस्तृत रिपोर्ट तैयार करनी होती है। लेकिन आज तक इनमे से एक भी कदम नहीं उठाया गया।यह तथ्य स्वयं में संदेह पैदा करता है कि कहीं BALCO प्रबंधन को प्रशासनिक संरक्षण तो नहीं मिल रहा?
अब मजदूरों को धमकियाँ — अपराध पर पर्दा डालने का प्रयास
श्री श्याम नारायण सोनी ने बताया कि हमें सूचना मिली है :
विस्फोट की वास्तविक जानकारी देने वाले मजदूरों को BALCO प्रबंधन व उसके ठेकेदारों द्वारानिलंबन, अनुशासनात्मक कार्रवाई और नौकरी से निकालने की धमकियाँ दी जा रही हैं।
यह सीधा-सीधा Witness Tampering है—और यह दर्शाता है कि प्रबंधन किस प्रकार सच को दबाने में लगा हुआ है।
प्रशासन के सामने अब प्रश्न नहीं, कर्तव्य खड़े हैं
श्री श्याम नारायण सोनी के ज्ञापन में माननीय जिलाधीश से मांग की गई है :
FIR में Occupier और Factory Manager का नाम जोड़ा जाए
अवैध संचालन की जांच हो
साक्ष्य सुरक्षित कराए जाएँ
Factory Inspector तत्काल अभियोजन दायर करे
श्रम, सुरक्षा और प्रदूषण विभागों की संयुक्त जांच हो
मजदूरों को धमकी भरे पत्र भेजने वाले ठेकेदारों, और प्रबंधन के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किए जाएं और मजदूरों को सुरक्षा प्रदान की जाए।
यह केवल एक दुर्घटना का मामला नहीं है—यह व्यवस्था बनाम बाहुबल,कानून बनाम कॉर्पोरेट दबाव,औरसत्य बनाम प्रबंधन के झूठकी लड़ाई है।
निष्कर्ष: विस्फोट टैंक में हुआ था, लेकिन झटका कानून व्यवस्था को भी लगा है।
अब देखना यह है कि प्रशासन मजदूर के साथ खड़ा होता है या आरोपी प्रबंधन के साथ।









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